hi_tn/luk/07/29.md

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(इस पुस्तक का लेखक लूका यूहन्ना और यीशु के प्रति मनुष्यों की प्रतिक्रिया पर टिप्पणी कर रहा है।)

परमेश्वर को सच्चा मान लिया था।

“उन्होंने कहा कि परमेश्वर ने स्वयं को धर्मी सिद्ध कर दिया है” या “उन्होंने घोषणा की कि परमेश्वर ने अपनी धार्मिकता प्रकट की है”

यूहन्ना का बपतिस्मा ले कर

“जिन्हें यूहन्ना ने बपतिस्मा दिया था” या “जिनका बपतिस्मा यूहन्ना के हाथों हुआ था”

बपतिस्मा न लेकर

“जिन्हें यूहन्ना ने बपतिस्मा नहीं दिया था” या “जिन्होंने यूहन्ना से बपतिस्मा लेना स्वीकार नहीं किया था” या “जिन्होंने यूहन्ना के बपतिस्मे को तुच्छ जाना था”

परमेश्वर के अभिप्राय को

“उनके लिए परमेश्वर के उद्देश्य को” या “उनके लिए परमेश्वर की योजना को” या “उनके लिए परमेश्वर की इच्छा को”

परमेश्वर के अभिप्राय को अपने विषय में टाल दिया

“परमेश्वर की अवज्ञा की” या “परमेश्वर की इच्छा पर विश्वास न करने की ठानी”

उससे बपतिस्मा न लेकर परमेश्वर के अभिप्राय को अपने विषय में टाल दिया।

इसका सलंग्न अर्थ हो सकता है, क्योंकि उन्होंने यूहन्ना के बपतिस्में को तुच्छ समझा था, वे अपने लिए परमेश्वर की इच्छा को स्वीकार करने के लिए आत्मिक परिप्रेक्ष्य में तैयार नहीं थे।