hi_tn/luk/06/39.md

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(यीशु जनसमूह को शिक्षा दे रहा है कि दोष न लगाएं)

क्या अन्धा अन्धे को मार्ग बता सकता है?

यीशु इस आलंकारिक प्रश्न द्वारा श्रोताओं को इस चिरपरिचित बात पर विचार करने के लिए उत्प्रेरित करता है। इसका अनुवाद हो सकता है, “अच्छा मनुष्य दूसरे अन्धे मनुष्य का पथ प्रदर्शन नहीं कर सकता है, कर सकता है क्या”? या “यह तो सब ही जानते हैं कि अन्धा अन्धे को रास्ता नहीं दिखा सकता है”।

(यदि वह ऐसा करे)

कुछ भाषाओं के अनुवादक अधिक अच्छा समझते है कि इसका अनुवाद इस प्रकार करें, “यदि कोई करे”।

क्या दोनों गड्डे में नहीं गिरेंगे?

यह एक और आलंकारिक प्रश्न है। इसका अनुवाद प्रकार किया जा सकता है, क्या वे दोनों खड्डे में नहीं गिरेंगे”? या "दोनों खड्ड में गिर जाएगे" (यू.डी.बी.)

चेला अपने गुरू से बड़ा नहीं होता

इसका अर्थ हो सकता है (1) “शिष्य को अपने गुरू से अधिक ज्ञान नहीं होता” या (2) शिष्य के पास अपने गुरू से अधिक अधिकार नहीं होता है। इसका अनुवाद इस प्रकार हो सकता है, “शिष्य अपने गुरू से आगे नहीं निकल सकता है”।

परन्तु जो कोई सिद्ध होगा

“हर एक शिष्य जो उचित प्रशिक्षण पा चुका है” इसका अनुवाद कर्तृवाच्य में भी किया जा सकता है, “हर एक शिष्य जिसने अपने प्रशिक्षण में लक्ष्य प्राप्ति कर ली है” या “वह हर एक शिष्य जिसके गुरू ने उसे पूर्ण प्रशिक्षण प्रदान कर दिया है”।