hi_tn/luk/05/20.md

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हे मनुष्य

यह एक ऐसा संबोधन है जो अनजान मनुष्य के लिए काम में लिया जाता था। यह अशिष्ट शब्द तो नहीं है परन्तु सम्मान का शब्द भी नहीं है, कुछ भाषाओं में इसके स्थान में “मित्र” या “भाई” या “श्रीमान” शब्दों का प्रयोग होता है।

तेरे पाप क्षमा हुए

“तू क्षमा किया गया” या “मैं तेरे पाप क्षमा करता हूँ” (यू.डी.बी.)

विवाद करने लगे

“रोष प्रकट करने लगे” या “तर्क करके कहने लगे”, इसका अनुवाद इस प्रकार भी किया जा सकता है, “आपस में कहने लगे क्या यीशु को पाप क्षमा करने का अधिकार है”?

यह कौन है जो परमेश्वर की निन्दा करता है?

इस आलंकारिक प्रश्न से स्पष्ट होता है कि वे यीशु की इस बात पर कैसे विस्मित एवं क्रोधित थे। इसका अनुवाद इस प्रकार भी किया जा सकता है, “यह मनुष्य परमेश्वर की निन्दा करता है”, या “यह अपने को क्या समझता है कि परमेश्वर की इस प्रकार निन्दा करे”?

परमेश्वर को छोड़ और कौन पाप क्षमा कर सकता है?

इस आलंकारिक प्रश्न का अनुवाद इस प्रकार भी किया जा सकता है, “केवल परमेश्वर ही पाप क्षमा कर सकता है, अन्य कोई नहीं”, या “पाप क्षमा करने वाला केवल परमेश्वर है, यहाँ संलग्न विचार यह है कि यदि मनुष्य पाप क्षमा करने का दावा कर रहा है तो वह परमेश्वर होने का स्वांग रच रहा है”।(देखें: .)