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वह देश उनसे रहित होकर सूना पड़ा रहेगा।

अर्थात इस्राएल के लोग अपनी जमीन को त्याग देंगे।

तो वह अपने विश्रामकालों को मानता रहेगा।

यहोवा भूमि के बाड़े में बात कर रहे है कि यदि वह एक इंसान होता जो आराम करने पर बहुत खुश होता है, क्‍योंकि कोई भी उस पर न तो बीज बोता और ना ही उस पर कुछ उगाता। यह भूमि को ओर भि उपजाऊ बनाता। अत: तो यह सब्त के दिन से लाभ होगा।