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887 B

मुँड़ाएँ

कोने या “किसी हिस्से को”

वे पवित्र बने रहें।

वह अलग किए जाने चाहिए

अपने परमेश्‍वर का नाम अपवित्र न करें।

यहाँ पर “नाम” शब्‍द यहोवा को दर्शा रहा है। अत: “अपने परमेश्‍वर का अपमान ना करना।“

यहोवा का हव्य।

यहाँ हव्य का अर्थ भोजन है। वास्तव में यहोवा इन भेंटों को खाता नहीं है, ये तो देने वालों की सत्यता है जिस से वो प्रसन्न होता है