कोई भी पाप बलि की भेंट से न खाए
इसका अर्थ यह है कि “याजक मिलापवाले तम्बू मे खून लेकर जाता है“।
इस से यह सपष्ट होता है कि “याजक को इसे जला देना चाहिए”।