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867 B

पृथ्वी का कोई राजा या जगत का कोई निवासी \q इसका कभी विश्वास न कर सकता था

किसी ने कहीं भी विश्‍वास नहीं किया

द्रोही और शत्रु

किसी भी किस्म का शत्रु

यह उसके भविष्यद्वक्ताओं के पापों और उसके याजकों के अधर्म के कामों के कारण

“उसके भविष्यद्वक्ताओं और याजकों के भयंकर पाप”

धर्मियों की हत्या करते आए हैं

“जिन्होने धर्मीयों को मारा है”