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601 B

तोड़ डाला…ढाँप दिया है

इन दोनों बातों से परमेश्‍वर ने लेखक को नम्र किया

मुझ को मन से उतारकर कुशल से रहित किया है

लेखक अपने जीवन में कोई खुशी महसूस नहीं कर पा रहा

मेरी आशा जो यहोवा पर थी, वह टूट गई है

मेरा हौंसला और ताकत टूट गये हैं