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तन मन से पुकारते हैं

यरूशलेम के लोग अपने अन्दर से चिल्लाते हैं

हे सिय्योन की कुमारी की शहरपनाह…हर एक सड़क

यहाँ लेखक यरूशलेम की दीवारों से बात करके लोगों को संदेश दे रहा है

सिय्योन की कुमारी

यह यरूशलेम का काव्यगत नाम है, यहाँ यरूशलेम को एक औरत के रूप में दर्शाया गया है

अपने आँसू रात दिन नदी के समान बहाती रह

“बहुत आँसू बहाना“

रात दिन

“हमेशा”

तनिक भी विश्राम न ले,

“स्वयं को आराम की अनुमति न दे”

रात के हर पहर के आरम्भ में

“रात को बहुत बार”

अपने हाथ उसकी ओर फैला

ऐसा प्रार्थना करते समय किया जाता था

हर एक सड़क के सिरे पर

यहाँ सड़कें आपस में मिलती हैं