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सामान्य जानकारी

लेखक अब स्वयं के अनुभव की बात करता है

मेरी आँखें आँसू बहाते-बहाते धुँधली पड़ गई हैं

“मैं इतना रोया हूँ कि और रोने की ताकत नहीं बची“

मेरी अन्तड़ियाँ ऐंठी जाती हैं

मेरा अन्दरूनी हिस्सा बहुत तकलीफ में है

मेरे लोगों की पुत्री के विनाश के कारण

क्योंकि मेरे लोग कुचले गये हैं

अन्न और दाखमधु कहाँ हैं?

“हमें कुछ और पीने के लिए दो”