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सिय्योन की कुमारी

यह यरूशलेम का काव्यगत नाम है, यहाँ यरूशलेम को एक औरत के रूप में दर्शाया गया है

उसने डोरी डाली

उसने दीवार की लंबाई को मापा है

अपना हाथ उसे नाश करने से नहीं खींचा

उसने अपनी शक्ति से हमें नाश किया है

अपना हाथ…नहीं खींचा

“अपना हाथ उस से दूर नहीं किया“

उसने किले और शहरपनाह दोनों से विलाप करवाया, वे दोनों एक साथ गिराए गए हैं

क्योंकि उसने किले और शहरपनाह को नाश कर दिया है, उनकी हालात ऐसी थी जैसे लोग विलाप करके अपनी शक्ति खो देते हैं

किले

प्रचीन शहरों में हामलावरों को‍ शहर से बाहर रखने के लिए दीवारें बनाई जाती थी, और बाहरी ओर से इसकी सुरक्षा के लिए “किले” बनाए जाते थे ताकि हमलावर दीवार तक न पहुँच सकें