यह यरदन नदी को दर्शाता है।
यह इस्रएलियों के राष्ट्र को दर्शाता है।
इसका अर्थ नदी के विपरीत किनारे पर जाना।
यह वाक्य लोगों के सामने होने बारे दर्शाता है कि सभी ने याजक द्वारा रखे गए सन्दूक को देखा।