hi_tn/jon/01/14.md

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तब उन्होंने

"क्योंकि समुद्र अधिक हिंसक हो गया था।"

उन्होंने यहोवा को पुकारकर कहा

"लोगों ने यहोवा से प्रार्थना की।"

इस पुरुष के प्राण के बदले हमारा नाश न हो

"हम इस आदमी को मरने वाले हैं। लेकिन कृपया हमें मत मारो"

और न हमें निर्दोष की हत्या का दोषी ठहरा

"और जब यह आदमी मर जाता है तो हमें दोषी ना ठहराऐं।"

समुद्र की भयानक लहरें थम गईं

"समुद्र शांत हो गया।"

तब उन मनुष्यों ने यहोवा का बहुत ही भय माना

"यहोवा की शक्ति पर बहुत जागृत हो गऐ"