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गोफन के पत्थर उसके लिये भूसे से ठहरते हैं

गोफन के पत्थर फेकने से उसे चोट नही पहुँच रही थी।

लाठियाँ भी भूसे के समान गिनी जाती हैं

स्पषट रूप मे यहा यह कहा जा सकता है कि “वह लाठियो के बारे मे सोचता है जेसे कि वह तिनके है”।

वह बर्छी के चलने पर हँसता है

लेखक बोलता है कि वह हँसते हुए कहते है कि एक व्यक्ति यह उम्मीद करता है कि वह भाला फेकने से लिव्यातान को मार देगा।

उसके निचले भाग पैने ठीकरे के समान हैं, कीचड़ पर मानो वह हेंगा फेरता है

उसकी पूँछ आटे पर एक निशान छोड़ जाती है जहा वह चला था।