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अब अपने को महिमा और प्रताप से संवार \q और ऐश्वर्य और तेज के वस्त्र पहन ले
यहाँ स्पष्ट रूप मे कहा जा सकता है कि अपने आप को महान बनाने के लिए कुछ महान काम करो ताकि लोग आपका सम्मान कर सके। लोगो को लगे कि तुम एक महान राजा हो।
अपने अति क्रोध की बाढ़ को बहा दे
यहाँ “क्रोध का अर्थ है कि किसी व्यक्ति के अंदर बहुत सारा क्रोध होना क्योकि “वह गुस्सा है क्योकि लोगो को उन पर गर्व हे और उसने उन्हे सजा दी”।
उसे नीचा कर
“वह सब कुछ छीन ले जिसपर उसको गर्व है”।