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वह ऐसा बदलता है जैसा मोहर के नीचे चिकनी मिट्टी बदलती है

रात के समय मे दुष्ट लोग स्पष्ट रूप मे नही देख रहे थे कि उसके अलग-अलग प्रकार से पता चलता है कि वह मिट्टी से मुर्तीयो की अलग छवियो बना रहे थे।

और सब वस्तुएँ मानो वस्त्र पहने हुए दिखाई देती हैं

यहाँ “वे” पृथवी को दर्शाते है। इन वाक्यो के दोनो सामान अर्थ है।

दुष्टों से उनका उजियाला रोक लिया जाता है

यहाँ स्पष्ट रूप मे कहा जा सकता है कि “सुबह का प्रकाश दुष्ट लोगो को दूर ले जाता है।

उनका उजियाला

दुष्ट अंधकार को अपना प्रकाश मानते है क्योकि वह अंधकार से अपना परिचय करते है और अंधकार मे ही बुरे काम करते है।

उनकी बढ़ाई हुई बाँह तोड़ी जाती है

यह बुरे इरादे से अपनी शक्ति द्वारा दुष्टो को उठाते है बुरे काम करने के लिए , सुबह रोशनी होते ही वह बुरी बाते करना बंद कर देते है।