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सामानय जानकारी:

एलीहू लगातार बोल रहा है।

परन्तु अभी तो उसने क्रोध करके दण्ड नहीं दिया है…अभिमान पर चित्त बहुत नहीं लगाया

एलीहू कहता है कि अय्यूब की प्रार्थना परमेश्‍वर के बारे मे गलत बाते कर रहा था।

अभिमान पर चित्त बहुत नहीं लगाया

“वह कभी भी किसी को सजा नही देता है क्योकि वह गुस्से मे है”।

मुँह खोलकर अज्ञानता की बातें बहुत बनाता है

एलीहू यह शब्द बोलता है “वह उन शब्दो को जाने से पहले कई शब्द बोलता था जिन्हे वह नही जानता'।