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सामानय जानकारी:

एलीहू लगातार अय्यूब के बारे मे बोल रहा है।

जब वह चुप रहता है तो उसे कौन दोषी ठहरा सकता है? … और जब वह मुँह फेर ले, तब कौन उसका दर्शन पा सकता है?

यह दो वाक्य परमेश्‍वर की बात करते हे कि जो दुष्ट लोगो किओ सजा मिल रही थी तो वे अपना चेहरा छुपा रहे थे।

जब वह चुप रहता है तो उसे कौन दोषी ठहरा सकता है?

एलीहू स्पष्ट रूप मे कहता है कि “कोईइ भी परमेश्‍वर की आलोचना नही कर सकता क्यो कि वह चुप रहने का हुकम देता है।

जब वह मुँह फेर ले, तब कौन उसका दर्शन पा सकता है?

एलीहू स्पष्ट रूप मे कहता है कि “कोई भी उसे नही देख सकता क्योकि वह अपना चेहरे छुपा लेता है।

वह मुँह

यह परमेश्‍वर के रूप को दर्शाता है “स्वंय”।

प्रजा फंदे में फँसाई न जाए

एक भी मनुष्य को नुकसान पहुँचने नही दिया।