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सामानय जानकारी:
एलीहू समनता का उपयोग करता हुआ बोल रहा है ।
मैं भी अपना विचार प्रगट करूँगा
“अब मेरे जवाब देने की बारी है“।
मेरे मन में बातें भरी हैं
एलीहू शब्दो से भरा हुआ होने के कारण बहुत कुछ कहने की बात कजरता है कि “मुझे इतना कहना है”।
मेरी आत्मा मुझे उभार रही है
“मेरी आत्मा मुझे यह कहने के लिए मजबूर कर रही है“।
मेरा मन उस दाखमधु के समान है, जो खोला न गया हो…वह नई कुप्पियों के समान फटा जाता है
मुझे ऐसा लगता है कि कुप्पियों के सामान मेरा मन फट जाएगा, जैसे कि शराब की किण्वन के पात्र को बाहर निकाला जाता है।
मेरा मन
यह एलीहू की शक्ति को दर्शाती है कि “मै हूँ”।