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अपनी दृष्टि में

यहाँ आँखो की दृष्टि से यह दर्शाया गया है कि “वह संवय को धर्मी मानता था”।

बूजी बारकेल का पुत्र एलीहू* जो राम के कुल का था, उसका क्रोध भड़क उठा। अय्यूब पर उसका क्रोध इसलिए भड़क उठा

यह आग लगाने वाले व्यक्ति के एलीहू के क्रोध की तुलना करता है और स्पष्ट रूप से कहा जा सकता है कि बूजी बारकेल का पुत्र एलीहू का परिवार फिर अय्यूब पर बहुत गुस्सा हुए”।

एलीहू…बारकेल…राम

यह पुरुषो के नाम है।

बूजी

यह जन समूह का नाम है।

उसने परमेश्‍वर को नहीं, अपने ही को निर्दोष ठहराया

उसने संव्य को सही ठहराया और यह ठहराया कि परमेश्‍वर का उसे सजा देना गलत था।