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सामानय जानकारी:

अय्यूब उन परिस्थितियों का वर्णन करता है जिनमें वह परमेश्‍वर की सज़ा के लायक होगा, लेकिन वह जानता है कि वे सच नही है।

चन्द्रमा को चलते हुए

“चाँद आसमान मे घूम रहा है“।

मैं मन ही मन मोहित हो गया होता

अगर मे छिप कर उन्हे आराधना करने के लिए कहूँ।

अपने मुँह से अपना हाथ चूम लिया होता

यह प्रेम और शक्ति की निशानी थी।

तो यह भी न्यायियों से दण्ड पाने के योग्य

“जिसके लिए मुझे न्यायियों को दंड़ देने का कारण होगा”।