hi_tn/job/31/05.md

967 B

सामानय जानकारी:

अय्यूब लगातार बोलता रहता है।

यदि मैं

31:5-40 मे अय्यूब अय्यूब अलग-अलग हालातो का वर्णन करता है कि जिसमे वह परमेश्‍वर की सजा के लायक हुआ लेकिन वह जानता नही था कि यह सच है क्योकि वह निर्दोष था।

व्यर्थ चाल चलता हूँ, या कपट करने के लिये मेरे पैर दौड़े हों

“किसी को धोखा देने के लिए कहा”।

ताकि परमेश्‍वर मेरी खराई को जान ले

“परमेश्‍वर इमानदारी से न्याय करते है”।