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मेरी अन्तड़ियाँ निरन्तर उबलती रहती हैं और आराम नहीं पातीं

अय्‍यूब अपने मन की बात करता हैं जैसे की वह एक व्यक्ति हो।

बिना सूर्य की गर्मी के काला हो गया हूँ

"मैं हमेशा उदास और अंधेरे में हूं।"

मैं गीदड़ों का भाई और शुतुर्मुर्गों का संगी हो गया हूँ।

अय्यूब ने दुख में अपनी पुकार की तुलना गीदड़ और शुतुरमुर्ग के रोने से की।