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791 B
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मेरी महिमा ज्यों की त्यों बनी रहेगी
"लोग लगातार मुझे सम्मान देते हैं।"
मेरा धनुष मेरे हाथ में सदा नया होता जाएगा।
"मैं एक नए धनुष की तरह हमेशा मजबूत हूं"
मेरी बातें उन पर मेंह के सामान बरसा करती थीं।
"मेरे भाषण लोगों के मनों को ऐसे तरों ताजा करते थे जैसे पानी की बूंदें लोगों के शरीर को ताजा कर देती हैं।“