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उसके जो लोग बच जाएँ वे

"जो अपने दुष्ट पिता के मरने के बाद भी जीवित रहते हैं।"

मरकर कब्र को पहुँचेंगे

"विपत्ति से मर जाएगा।"

विधवाएँ...उसके

“अर्थात् दुष्ट मनुष्य की संतान।“

चाहे वह रुपया धूलि के समान बटोर रखे

"आसानी से चांदी इकट्ठा करता है।”

वस्त्र मिट्टी के किनकों के तुल्य अनगिनत तैयार कराए

"कपड़ों के बड़े ढेर को इकट्ठा करता है।"