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पिछले वचनों के आधार पे

अय्‍यूब बोलना जारी रखता है।

वे जल के ऊपर हलकी सी वस्तु के सरीखे हैं

जैसे झाग थोड़े समय के लिए ही रहता है वैसे ही परमेंश्‍वर दुष्टों को जल्दी से गायब कर देगा।

उनके भाग को पृथ्वी के रहनेवाले कोसते हैं

"परमेंश्‍वर उनकी भूमि के हिस्से को शाप देता है जो उनके पास है।”

जैसे सूखे और धूप से हिम का जल सूख...वैसे ही पापी लोग

अय्यूब कहता है कि पापी अधोलोक में उसी तरह से गायब हो जाएंगे जैसे बर्फ गर्म होने पर पिघलती और गायब हो जाती है।

सूखे और धूप

ये दो शब्द अनिवार्य रूप से एक ही मौसम का वर्णन करते हैं।