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पिछले वचनों के आधार पे
अय्यूब बोलना जारी रखता है।
दीन लोग जंगली गदहों के समान अपने काम को और कुछ भोजन यत्न से* ढूँढ़ने को निकल जाते हैं;
"ये गरीब लोग भोजन की तलाश में बाहर जाते हैं जैसे कि वे जंगल में जंगली गधे थे।"
जंगली गदहों।
"गदहे जिनका कोई भी मालिक नही और कोई उसकी परवाह नहीं करता है।"
दीन लोग रात को खेत में चारा काटते हैं...दाख बटोरना पड़ता है
ये दो पंक्तियाँ एक ही बात का वर्णन करती हैं और इस बात पर जोर देती है कि ये लोग इतने भूखे हैं कि उन्हें रात में भोजन चुराने के लिए मजबूर किया जाता है।
रात को उन्हें बिना वस्त्र नंगे पड़े रहना...बिना ओढ़े पड़े रहना पड़ता है
ये दो पंक्तियाँ एक ही बात का वर्णन करती हैं और एक ही पर जोर दिया है ताकि इन लोगों के पास गर्म रखने के लिए पर्याप्त कपड़े न हों।