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पिछले वचनों के आधार पर

एलीपज अय्‍यूब को बोलना जारी रखता हैं।

क्या परमेश्‍वर स्वर्ग के ऊँचे स्थान में नहीं है?

"परमेंश्‍वर स्वर्ग की ऊंचाइयों में है और वह सब कुछ देखता है जो पृथ्वी पर होता है।"

ऊँचे से ऊँचे तारों को देख कि वे कितने ऊँचे हैं क्या वह घोर अंधकार की आड़ में होकर न्याय करेगा?

"देखो कि तारे कितने ऊँचे हैं। परमेश्‍वर उनसे भी ऊँचे हैं।"

‘परमेश्‍वर क्या जानता है? क्या वह घोर अंधकार की आड़ में होकर न्याय करेगा?

"परमेंश्‍वर नहीं जानता कि पृथ्वी पर क्या होता है। वह काले बादलों में बैठता है और हमारा न्याय नहीं कर सकता है।“

घटाओं से वह ऐसा छिपा रहता है कि वह कुछ नहीं देख सकता,

"वह स्वर्ग में बहुत दूर रहता है यह देखने के लिए कि यहां क्या होता है।"