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सामान्य जानकारी:
सोपर अय्यूब से बातें करना जारी रखता हैं।
चाहे ऐसे मनुष्य का माहात्म्य
"चाहे दुष्ट व्यक्ति की ऊंचाई।"
चाहे ऐसे मनुष्य का माहात्म्य आकाश तक पहुँच जाए,
"चाहे वह आकाश जितना ऊंचा हो।"
चाहे ऐसे मनुष्य का माहात्म्य आकाश तक पहुँच जाए
"चाहे उसकी प्रतिष्ठा आकाश तक पहुँचती है।"
चाहे ऐसे मनुष्य का माहात्म्य आकाश तक पहुँच जाए
"चाहे उसकी प्रतिष्ठा महान है।"
चाहे ऐसे मनुष्य का माहात्म्य आकाश तक पहुँच जाए
"चाहे लोगों को लगता है कि वह बहुत महान व्यक्ति है।"
और उसका सिर बादलों तक पहुँचे
“चाहे उसका सिर बादलों की तरह ऊंचा है।"
तो भी वह अपनी विष्ठा के समान सदा के लिये नाश हो जाएगा;
"हमेंशा के लिए अपने मल की तरह नष्ट हो जाएगा, जो पूरी तरह से जमीन में गायब हो जाता है।"
तो भी वह अपनी विष्ठा के समान सदा के लिये नाश हो जाएगा
"जैसे हवा धूल को भहा ले जाती है उसी तरह वह सदा के लिए गायब हो जाएगा।“