hi_tn/job/19/07.md

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सामान्‍य जानकारी:

अय्‍यूब अपने तीनों मित्रों से बोल रहा हैं।

देखो

"वास्तव में।”

उपद्रव।

“सहायता! मुझ पर हमला किया जा रहा है!"

मैं सहायता के लिये दुहाई देता रहता हूँ,

"मैं मदद के लिए चिल्लाता हूं।"

परन्तु कोई न्याय नहीं करता।

"लेकिन कोई भी मुझे अत्‍याचार करने वालों से बचाता नहीं है।"

उसने मेरे मार्ग को ऐसा रूंधा है...डगरें अंधेरी कर दी हैं।

“परमेंश्‍वर ने उसे असहाय और निराश महसूस करवाया है।“

उसने मेरे मार्ग को ऐसा रूंधा है* कि मैं आगे चल नहीं सकता,

"परमेंश्‍वर ने सड़क पर एक दीवार लगा दी है जिस पर मैं चल रहा हूं" या "उसने रास्ता रोक दिया है इसलिए मैं नहीं जा सकता।"

रा वैभव उसने हर लिया है...मेरे सिर पर से मुकुट

परमेंश्‍वर ने उनकी अच्छी प्रतिष्ठा, धन और कुशल उनसे छीन लिया है।

मेरा वैभव उसने हर लिया है,

"उसने मेरी महिमा छीन ली है।"

मेरे सिर पर से मुकुट उतार दिया है

"उसने मेरी शान का ताज छीन लिया है।"