hi_tn/job/19/03.md

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सामान्‍य जानकारी:

अय्‍यूब अपने तीनों मित्रों से बोल रहा हैं।

इन दसों बार तुम लोग मेरी निन्दा ही करते रहे

"आपने कई बार मेरी निन्‍दा की है।"

तुम्हें लज्जा नहीं आती, कि तुम मेरे साथ कठोरता का बर्ताव करते हो

"तुम्‍हें शर्म आनी चाहिए कि तुमने मेरे साथ इतना कठोर व्यवहार किया है।"

मेरे साथ कठोरता का बर्ताव करते हो

"मेरा तिरस्कार किया है।"

मुझसे भूल हुई

"गलती से पाप किया है।"

वह भूल तो मेरे ही

"मेरी गलती।”

तो भी वह भूल तो मेरे ही सिर पर रहेगी।

"मेरी गलती मेरी स्वयं की जिम्मेदारी है, इसलिए आपको मुझे फटकारना जारी नहीं रखना चाहिए।"