hi_tn/job/17/13.md

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सामान्‍य जानकारी।

अय्‍यूब बोलना जारी रखता हैं।

मेरी आशा यह हो कि अधोलोक मेरा धाम होगा

“अधोलोक को मैंने अब अपना घर मान लिया है।“

मैंने अंधियारे में अपना बिछौना बिछा लिया है

"मैंने मृतकों के बीच जाने और सोने के लिए खुद को तैयार किया।"

बिछौना बिछा लिया है

“अपना बिसतर बनाया हैं।”

मैंने सड़ाहट से कहा...और कीड़े से

यह दोनों पंक्तियाँ यह दर्शाती है की अय्‍यूब कितना बेकरार हैं।

सड़ाहट

“कब्र।”

तू मेरा पिता है

“तूं मेरे उतने ही करीब है जितना कि मेरा पिता।“

कीड़े

“कीड़े छोटे जीव हैं जो शवों को खाते हैं।“

तू मेरी माँ और ‘मेरी बहन है

"तूं मेरी माँ यां मेरी बहन के समान मेरे करीब हैं।"

तो मेरी आशा कहाँ रही?

“मुझें कोई आशा नही।”

मेरी आशा किस के देखने में आएगी?

"कोई भी मेरे लिए कोई उम्मीद नहीं देख सकता।"