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मैंने अपनी खाल पर टाट को सी लिया है

“क्योंकि शोक के कारण मैंने अपने तन के लिए बोरी सिल ली है।"

और अपना बल मिट्टी में मिला दिया है।

“मैं हताश होकर खाक में बैठ गया हूं”।

मेरी आँखों पर घोर अंधकार छा गया है

"मेरी आँखों के चारों ओर काले घेरे हैं", जैसे किसी मृत व्यक्ति की आँखें"

मुझसे कोई उपद्रव नहीं हुआ है

"मैंने हिंसक व्‍यहवार नहीं किया है।"