hi_tn/job/16/13.md

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उसके तीर मेरे चारों ओर उड़ रहे हैं,

"ऐसा लगता है जैसे उसके धनुर्धारियों ने मुझे घेर लिया है"।

वह निर्दय होकर मेरे गुर्दों को बेधता है, और मेरा पित्त भूमि पर बहाता है।

"ऐसा लगता है जैसे परमेंश्‍वर के तीर ने मेरी गुर्दों और मेरे जिगर को छेद दिया है, मेरी पित्त को जमीन पर गिरा दिया है। वह मुझे नहीं छोड़ता है।”

धावा करके मुझे

“मैं एक दीवार की तरह महसूस करता हूं जिसे परमेंश्‍वर तोड़ता है।"

वह शूर के समान मुझ पर धावा करके

"यह ऐसा है जैसे वह एक योद्धा हो जो मुझ पर हमला करने के लिए मेरी ओर आता है।"