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सामान्‍य जानकारी:

अय्‍युब परमेंश्‍वर से बातें करना जारी रखता हैं।

पहाड़ भी गिरते-गिरते नाश हो जाता है

“पहाड़ पूरी तरह से बिखर गए।"

चट्टान अपने स्थान से हट जाती है

"चट्टानें अपनी जगह से गिर गईं।"

उसी प्रकार तू मनुष्य की आशा को मिटा देता है

"तुं मनुष्य की आशाओं को नष्ट कर देता हैं जैसे ... पृथ्वी की धूल।“

तू मनुष्य की आशा को मिटा देता है

"तुं मनुष्य की आशाओं को पुरा होने से रोकता हैं।"

मनुष्य की आशा

"वह चीजें जिसकी मनुष्य उम्मीद करता है।“