hi_tn/job/14/07.md

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वृक्ष के लिये तो आशा रहती है

"हम उम्मीद कर सकते हैं कि एक पेड़ फिर से जीवित होगा"।

तो भी फिर पनपेगा

"यह फिर से बढ़ने लग सकता है।"

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Note not available in hindi text

चाहे

“भले ही।”

ठूँठ

पेड़ का वह हिस्सा जो किसी के काटने के बाद जमीन से बाहर रहता है

तो भी वर्षा की गन्ध पाकर

"भले ही केवल थोड़ा पानी इसके पास हो।"

फिर पनपेगा

"वह बढ़ने लगेगां।"

पौधे के समान उससे शाखाएँ फूटेंगी।

"और शाखाएं पौधे की तरह उस पर बढ़ने लगेंगी।"