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सामान्‍य जानकारी:

अय्यूब परमेंश्‍वर से बोलना जारी रखता है।

तू किस कारण अपना मुँह फेर लेता है...शत्रु गिनता है?

अय्यूब इस प्रशन में शिकायत करके कहता है कि परमेश्‍वर उसके साथ कैसा व्यवहार कर रहा है।

मुझे अपना शत्रु गिनता है

“तुं मुझे अनदेखा करता हैं।“

क्या तू उड़ते हुए पत्ते को भी कँपाएगा...सूखे डंठल के पीछे पड़ेगा?

अय्यूब ने परमेश्वर को बताने के लिए इन सवालों का उपयोग किया है जबकि अय्यूब इतना तुच्छ और कमजोर है तो इसलिए उसे सताना बेकार है।

उड़ते हुए पत्ते...सूखे डंठल

"तूं मुझे सताता हैं, लेकिन मैं तो हवा से उड़ाए गए पत्ते की तरह कमजोर और सुखी हुई भुसी की तरह तुच्छ हूं।"