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इस कारण तू निर्भय रहेगा...तू निर्भय विश्राम कर सकेगा।
सोपर जोर देने के लिए फिर वही विचार दोहराता है और संभावना का वर्णन करता है की तेरा जीवन दोपहर की तरह सफल और खुशहाल होगा।
तू निर्भय विश्राम कर सकेगा
"तु बिना किसी डर से आराम करेंगा"
और जब तू लेटेगा, तब कोई तुझे डराएगा नहीं...प्रसन्न करने का यत्न करेंगे
सोपर जोर देने के लिए फिर वही विचार दोहराता है और संभावना का वर्णन करता है की तेरा जीवन दोपहर की तरह सफल और खुशहाल होगा।
जब तू लेटेगा, तब कोई तुझे डराएगा नहीं
"तु बीना किसी डर से लेट जायेगा और आराम करेगा"