hi_tn/job/11/15.md

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तब तो तू निश्चय अपना मुँह निष्कलंक दिखा सकेगा।

"अपना चेहरा ऊपर उठाना" एक ऐसे व्यक्ति के व्ह‍वार को दर्शाता है जो आत्मविशवाशी और बहादुर है।

तू उसे उस पानी के समान स्मरण करेगा जो बह गया हो।

"तु इसे याद रखेंगा, लेकिन दुख दूर हो जाएगा जैसे की पानी हो जो बह गया"

तेरा जीवन...भोर सा हो जाएगा

सोपर फिर वही बात दोहराता हैं कि तेरा जीवन बदल जायेगा, अंधेरा भोर के समान प्रकाशमान हो जायेगा।

तेरा जीवन दोपहर से भी अधिक प्रकाशमान होगा

"तेरा जीवन दोपहर की तरह सफल और खुशहाल होगा"

चाहे अंधेरा भी हो

"चाहे वहाँ अंधेरा मुसीबतें और उदासी थे" वे टिके ना रहेंगे।

वह भोर सा हो जाएगा

"वह सुबह की तरह सफल और खुश होगा"