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यदि मैं दुष्टता करूँ

“आगर मै दोषी हूँ”।

मुझ पर हाय

“यह मेरे लिए कितना भयानक होगा”।

यदि मैं धर्मी बनूँ

“भले ही मेने हमेशा सही काम किये”।

मैं सिर न उठाऊँगा

यहाँ स्पष्ट रूप मे कहा गया है कि “मैने अपना सिर नही उठाया”।

मैं अपमान से भरा हुआ हूँ

यहाँ स्पष्ट रूप से कहा गया है कि “मै पूरा अपमान से भरा हुआ हूँ“।

अपमान

“शर्म”।

और अपने दुःख पर ध्यान रखता हूँ

यहाँ दुख मे से पीड़ा को दर्शाया गया है।कि और मै अब इस पीड़ा को देख रहा हूँ।

और ध्यान रखता हूँ

यहाँ एक शब्द की पुर्ती हो रही है कि “अब मै देख रहा हूँ”।

और चाहे सिर उठाऊँ तो भी

इसका अर्थ यह है कि गर्व होना “अब मै उस पर गर्व करता हूँ”।

तू सिंह के समान मेरा अहेर करता है

इसका अर्थ यह है कि परमेश्‍वर ने अय्यूब का ऐसे‍इकार किया जैसे कोई शेर अपने शिकार का सामना करता है।

फिर मेरे विरुद्ध आश्चर्यकर्मों को करता है

इस वाक्य मे यह अय्यूब यह दर्शाता है कि परमेश्‍वर की अधभुत शक्ति कैसे काम करती है।