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सामानय जानकारी:

लेखक इन आयतो मे समतनता का इसतेमाल करता है कि परमेश्‍वर महान है और उसके पास अनदेखी प्रभुसत्ता भी है।

बड़े कर्म

“ऐसी चीजे जिन्हे समझा नही जा सकता“।

गिने नहीं जा सकते

“वे गिने नही जा सकते”।

देखो

“दऱखना”।

आगे को बढ़ जाता

“वह चला जाता है”।

देखो, जब वह छीनने लगे, तब उसको कौन रोकेगा*? कौन उससे कह सकता है कि तू यह क्या करता है?

यदि वह कुछ दूर ले जाता है तो कोई उसे रोक नही सकता कोई उस से पूँछ नही सकता कि तुम क्या कर रहे हो।

देखो, जब वह छीनने लगे

“अगर वह किसी को दूर ले जाता है”।