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अति सामर्थी

यहाँ दिल व्यक्ति के अंदरूनी भावो को दर्शाता है।

बुद्धिमान और अति सामर्थी

“वह बुद्धिमान और बहुत मजबूत था”।

उसके विरोध में हठ करके कौन कभी प्रबल हुआ है?

यहाँ सपष्ट रुप से कहा जा सकता है कि “मॆरे लिए मेहनत करने वाला और बहादुर मनुष्य कोई नही है।

हठ करके कौन कभी प्रबल हुआ है?

जिद्दी बन कर कर कोन प्रबल होता है “हमारे लिए”।

वह तो पर्वतों को अचानक हटा देता है

परमेश्‍वर नऱ पहाड़ो को हटा दिया।

वह क्रोध में आकर

परन्तु वह बहुत गुस्सा हुआ।

वह पृथ्वी को हिलाकर

परमेश्‍वर ने पृथ्वी को हिला दिया।

उसके खम्भे काँपने लगते हैं

इनकी नीव काँपने लगती है।