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525 B

यदि तू निर्मल और धर्मी रहता

“तुम अकेले ही सही और सच्चे हो”।

चाहे तेरा भाग पहले छोटा ही रहा हो परन्तु अन्त में तेरी बहुत बढ़ती होती

तुम पहले बहुत अमीर नही थे लेकिन अब आपकी जिन्दगी सही और सच्ची बन जाएगी।