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890 B
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जब मैं लेट जाता, तब कहता हूँ, ‘मैं कब उठूँगा?
आय्यूब ने यह स्वाल सोने के समय होने वाली तकलीफ मे कहा कि “मै चाहता हूँ कि मै उठ सकता लेकिन रात अभी भी चल रही है”।
पौ फटने तक छटपटाते-छटपटाते थक जाता हूँ
इस से यह स्पष्ट होता है कि आय्यूब बिसतर पर करवहटे लेता ही थक जाता है कि “वह बेचैनी से करवहटे लेता ही थक जाता है”।
मिट्टी के ढेलों
गंदगी के गोले।