hi_tn/job/07/01.md

2.1 KiB

सामानय जानकारी:

लेखक इस में समानता का उपयोग है, दो अलग अलग बयानों का उपयोग करता है कि उनकी व्यक्तिगत पीड़ा का हिस्सा है जो सभी लोगों ने अनुभव की है।

क्या मनुष्य को पृथ्वी पर कठिन सेवा करनी नहीं पड़ती?

आय्‍यूब इन शब्दो का प्रयोग करता है कि “हर कोई धरती पर कड़ी मुशकिलो का सामना करता है।

क्या उसके दिन मजदूर के से नहीं होते?

आय्‍यूब के लिए यह सवाल है कि सभी लोगो के जीवन मे संघर्ष है “ और उन दिनो के लिए एक आदमी मैने काम पर रखा है”।

जैसा कोई दास…अपनी मजदूरी की आशा रखे

आय्‍यूब की तुलना उन लोगो के साथ की जाती है कड़ी मेहनत करके भी राहत भी नही मिलती थी।

छाया की अभिलाषा

“छाया”।

मजदूरी की आशा

यह एक आदमी है जो कि एक दिन के हर समय काम करता हो जैसे की मजदूर।

वैसा ही मैं अनर्थ के महीनों का स्वामी बनाया गया हूँ, और मेरे लिये क्लेश से भरी रातें ठहराई गई हैं

“भरी हुई राते” “मै तो दुख और मुसीबत से बरी हुई राते सहता हूँ”।

अनर्थ के महीनों

“विनाशकारी महीने”।