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क्या तुम बातें पकड़ने की कल्पना करते हो? \q निराश जन की बातें तो वायु के समान हैं?

आय्‍यूब अपने मित्र से नाराज होता हुआ कहता हे कि“जो शब्द मैने कहे तुमसे तुमने मेरे शब्दो को अनदेखा किया तुम्हे मेरे श्द पसॆद णही आए”।

क्या तुम

“तुम” दूसरे व्यक्ति को दर्शाता है।

निराश जन की बातें तो वायु के समान हैं

आय्यूब इन निराशाजनक शब्दो को हवा के समान मानता है ,सब मतलबी है।

तुम अनाथों पर चिट्ठी डालते

“तुम‍ आनाथ बच्चो से बहुत लाभ उठाओगे”।

तुम अनाथों पर…अपने मित्र को बेचकर

यहाँ “तुम” पूसरे व्यक्ति को दर्शाता है।