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जो पड़ोसी पर कृपा नहीं करता वह \q सर्वशक्तिमान का भय मानना छोड़ देता है

एक मित्र होना चाहिए जो आपकी निराशा को समझ सके।

सर्वशक्तिमान का भय मानना छोड़ देता है

“वह भला और सर्वशक्तिमान परमेश्‍वर है”। पर एक व्यक्ति फिर भी परमेश्‍वर का भय नही मानता।

मेरे भाई नाले के समान विश्वासघाती हो गए हैं

आय्‍यूब अपने दोसती का वर्णन इस प्रकार करता है कि जो एक वादी की धारा है जो कि सूख जाति है जिसका कोई भी भरोसा नही है।

उन नालों के समान जिनकी धार सूख जाती है

“वह पानी की धाराओ की तरह है जो सूख गयी थी”।

वे बर्फ के कारण काले से हो जाते हैं

“जो बर्फ से अंधेरा हो जाता है”।

और उनमें हिम छिपा रहता है

“और बर्फ से वह छिपा रहता है”।