hi_tn/job/06/12.md

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सामानय जानकारी:

लेखक इन आयतों मे दो अलग अलग बयानों का उपयोग कर एक ही विचार संदेश देता है कि अय्यूब की ताकत कम हो गयी है अब उसमे दर्द सहन करने की ताकत नही है।

क्या मैं निराधार नहीं हूँ? क्या काम करने की शक्ति मुझसे दूर नहीं हो गई?

यहाँ आय्यूब अपने शारीर की कमजोरी के बारे मे कहता है कि अब मै दर्द सहन नही कर सकता “मेरा शारीर लोहे का नही बना है”।

क्या मैं निराधार नहीं हूँ, क्या काम करने की शक्ति… मुझसे?

“यह सच है कि अब कोई ताकत नही है…मुझमे”।

शक्ति मुझसे दूर नहीं हो गई?

यहाँ स्पष्ट रुप से कहा जा सकता है कि “मेरी सफलता मुझसे ली गई है और मेरे भीतर कीइ ताकत मुझसे ली गई है”।