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सामानय जानकारी:

लेखक प्रत्येक कविता में समानता का उपयोग करना जारी रखता है, एक ही विचार को दो अलग-अलग बयानों का उपयोग करके बताता है कि भगवान कैसे चालाक हैं जो चालाक हैं और जो गरीब हैं उन्हें बचाता है।

उन पर दिन को अंधेरा छा जाता है

वह चालाक शैतान उनके लिए दिन मे भी अंधेरा कर देता है।

टटोलते

अंधे व्यक्ति की तरह लगना।

दिन दुपहरी

“दोपहर में“।

परन्तु वह दरिद्रों को उनके वचनरुपी तलवार से और बलवानों के हाथ से बचाता है

लेकिन वह शक्तिशाली की धमकियों से गरीब व्यक्ति को बचाता है।

कुटिल मनुष्यों का मुँह बन्द हो जाता है

ऐसा लगता है जैसे अन्याय ने अपना मुँह बंद कर लिया हो।