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सामानय जानकारी:

लेखक प्रत्येक कविता में समानता का उपयोग करना जारी रखता है, दो अलग-अलग कथनों का उपयोग करके एक ही विचार व्यक्त करता है कि कैसे भगवान उन लोगों पर जोर देता है जो नीच हैं और जो चालाक हैं उन पर बहस करते हैं।

इसी रीति वह नम्र लोगों को ऊँचे स्थान पर बैठाता है

“परमेश्‍वर इसलिए ऐसा करते है कि दुखियो को बचाया जा सके और उनका आदर किया जा सके।

वह कल्पनाएँ व्यर्थ

यहाँ चालाक लोगो की योजनाएँ रोकने के लिए जो उन्होने शारीरिक रुप से बनाई है उन्हे रोकता है।

वह बुद्धिमानों को उनकी धूर्तता ही में फँसाता है

यहाँ बुद्धिमान लोगों को अपने बुरे को अपने बुरे कार्यों से जाल मे फासने के लिए पकड़ रहे है अपने कामो के बारे मे बात करके उन्हे जाल मे फासना चाहते थे।

कुटिल लोगों

"जो चालाक हैं"